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Wednesday, May 24, 2023

सहजन की खेती से पैसे कैसे कमायें?

सहजन की खेती से पैसे कैसे कमायें:- हम सभी इस बात से भली – भांति परिचित हैं कि पिछले 2 सालों से कोरोना की महामारी से पूरे विश्व भर के लोग अस्त-व्यस्त पूरी तरह से त्रस्त थे। कितने लोगों की नौकरी चली गयी और कितने छोटी-बड़ी कंपनियां बंद हो गई। ऐसे समय में लगभग सभी लोग अपने खाने-कमाने के नये-नये तरीके ढूंढने लगे। बहुत सारे लोगों ने तो अपना खुद का छोटा – मोटा Business शुरू किया। जैसे – खेती, ठेला, दुकान, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, बतख पालन आदि।

अगर आप भी कोरोना महामारी के चलते नौकरी से हाथ धो चुके हो और अभी तक कोई भी नया काम शुरू नहीं किए हैं, तो आपके लिए एक बहुत अच्छा समय हैं एक छोटा सा खुद का Business शुरू करने का। जी हां, आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे आप अपने गांव – घर में सहजन की खेती कर सकते हैं और हजारों रूपये कमा सकते हैं। वह भी बस थोड़े पैसे लगा कर।

सहजन क्या है? | What is Drumstick?

सहजन पौष्टिकता से भरपूर एक बहुउद्देशीय वृक्ष है। सहजन वृक्ष के फल, फूल, बीज, तना, जड़ तथा पत्ते किसी न किसी तरह से लोगों तथा जानवरों द्वारा उपयोग में लाया जाता है। यह पेड़ बहुत ही लाभकारी तथा गुणकारी होता है। आर्युवेद में इसका प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है। 

सहजन की खेती से पैसे कैसे कमायें?
सहजन की खेती से पैसे कैसे कमायें?

सहजन, भारतीय आदिवासी मूल का “मोरिन्गासाए परिवार” का ही एक सदस्य है। इसका वनस्पतिक नाम “मोरिंगा ओलीफेरा (Moringa Oleifera)” है। इसे अंग्रेजी में ड्रमस्टिक ट्री (Drumstick Tree) कहते हैं। सहजन भारत तथा अन्य कई देशों में पाया जाता है और इसे सभी जगह अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इसे सहजन, मुनगा, ड्रमस्टिक, सजना, सुजना, सहजना, सेंजन आदि नामों से जाना जाता है। 

सहजन पेड़ में अनेक औषधीय गुण होते हैं साथ में पोषक तत्व भी बहुत सारे होते हैं। इसमें मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रट, वसा, प्रोटीन, पानी, विटामिन, कैल्शियम, लोहतत्व, मैगनीशियम, मैगनीज, फॉस्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, एमिनो एसिड, विटामिन बी, बीटा कैरोटिन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। अगर इसे कोई भी आदमी खाता है तो उसे ये सारे पोषक तत्व मिलते हैं। 

सामान्य तौर पर सहजन एक बहुवर्षिक, कमजोर तना और छोटी-छोटी पत्तियों वाला लगभग दस-बीस मीटर लम्बाई वाला वृक्ष है। यह कमजोर तथा पथरीले जमीन पर भी बिना सिंचाई के सालों भर हरा-भरा और तेजी से बढ़ने वाला पेड़ है। 

सहजन एक Medicinal Plants है जो कि बहुत ही कम समय में किसान को लाखों रुपया का लाभ दिलाता है। इस की खेती का खासियत यह है कि इसे बार-बार नहीं लगना पड़ता है। इसकी छंटाई साल में 4 बार करना चाहिए हां लेकिन शुरू में 5-6 महीना लग जाते हैं। अगर सहजन को एक बार लगाया जाता है तो लगभग 4-5 साल तक ये आपको फायदा देता रहेगा।

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सहजन की खेती (Sahjan ki kheti) कैसे करें?

अगर आपको सहजन की खेती करना हो तो आपको सबसे पहले एक 10-20 डिसमिल या 1 एकड़ जमीन का चुनाव करना होगा। उस जमीन की मिट्टी को जांच करवाना होगा कि इस जमीन में सहजन की खेती किया जा सकता है कि नहीं, क्योंकि कोई भी खेती करने से पहले हमेशा जमीन की मिट्टी की जांच करा लेना चाहिए ताकि आप जो भी फ़सल उसमें उगाना चाहते बिना नुकसान का और आसानी से उगा सकते हैं। 

सहजन की खेती के लिये जलवायु एवं मृदा का चयन करें :-

सहजन की खेती शुष्क वह गर्म जलवायु में आसानी से होती है। इसकी बढ़ोत्तरी के लिए 25 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान को उपयुक्त माना जाता है, लेकिन यह पौधा 10 डिग्री सेल्सियस तापमान से लेकर 50 डिग्री सेल्सियस तापमान तक भी आसानी से फल – फूल सकता है। 

सहजन उत्पादन या सहजन की खेती के लिए विशेष प्रकार की मृदा/मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। यह लगभग हर तरह के मिट्टी में आसानी से उग जाता है। सहजन बालुई, चिकनी मिट्टी, अम्लीय मिट्टी, काली मिट्टी, रुगड़ी/पथरीली मिट्टी आदि में अच्छी तरह से बढ़ता है। इस पौधे में 21 मिली सेंटीमीटर तक लवणता तथा 5 से 8 तक P.H मान सहन करने की क्षमता होती है।

सहजन पौधे लगाने की विधि :-

सहजन के पौधों की रोपनी एक गड्ढा बनाकर किया जाता है। इसे अपने खेत या बाड़ी में लगाने के लिए सबसे पहले आपको उस खेत या बाड़ी को अच्छा से जोतना पड़ेगा और सारा खरपतवार हटाना पड़ेगा। फ़िर उसमें 2.5 × 2.5 मीटर की दूरी – दूरी में गड्ढा खोदना पड़ेगा। सभी गड्ढा का आकार 45 x 45 x 45 सेंमी. होना चाहिए। 

गड्ढा खोदने के बाद आपको उस गड्ढे के उपरी मिट्टी के साथ 10 किलोग्राम सड़ा हुआ गोबर का खाद मिलाकर उस गड्ढे को भरना होगा। अब इस पर आप सहजन के पौधे लगा सकते हैं। सहजन के पौधे को ज्यादा देखभाल नहीं करना पढ़ता है, इसे हल्का – हल्का पानी देना होता है।

सहजन की उन्नत किस्म को चयन करें :-

सहजन (Moringa Oleifera) की उन्नत किस्में खुली विद्यालयों, अनुसंधान केंद्रों, ICAR अनुसंधान केंद्रों आदि द्वारा विकसित की गई जिनकी उत्पादन क्षमता, पक्का अवधि, गुणवाता आदि की बातें ध्यान में रखने के लिए उन्नत किस्मों का विकास किया जो सभी के लिए लाभदायक होती है।

सहजन के उन्नत किस्मों में निम्न किस्में है जो अधिक उत्पादन देती है :-

क्रम संख्याकिस्म का नाम
1P.K.M – 1
2P.K.M – 2
3O.D.C
4C.O – 1

सहजन की खेती करने का सही समय :-

सहजन को साल भर में किसी भी समय में लगाया जा सकता है। बशर्तें उस समय ज्यादा बारिश का और ज्यादा ठंड का मौसम न हो। सहजन के पौधे बीज द्वारा तथा उसके डाली को काट कर भी लगाया जाता है। कहा जाता है कि बीज द्वारा उगाए गए पौधे ज्यादा गुण वाले होते हैं, उसके जड़ें भी बहुत मज़बूत होते हैं। लेकिन जिस सहजन को डाली काटकर लगाया जाता है उसमें जल्दी ही फूल – फल आ जाते हैं।

सहजन की खेती (Sahjan ki kheti) के लिए खाद एवं उर्वरक का चयन :-

सहजन की जैविक खेती के लिए नीचे दिए गए खादों एवं उर्वरकों की आवश्यकता होती है।

  1. वर्मी कंपोस्ट/ केंचुए का खाद – यह बहुत ही अच्छा जैविक खाद है, जिसे डालने से मात्र 5 मिनट में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
  2. ट्राईकोडर्मा पाउडर – इसे फफूंद नाशक खाद के नाम से जाना जाता है जो जमीन में मौजूद हानिकारक फफूंद को नष्ट कर देता है।
  3. नीम केक / नीम की खली – यह एक ऐसा खाद है जो कीटनाशक है, जिसे जमीन में डालने से जमीन में मौजूद कीड़े या उनके अंडे नष्ट होते हैं।
  4. जिप्सम – यह एक ऐसा खाद है जिसे मृदा अनुकूलक या सॉइल कंडीशनर से भी जाना जाता है, जो मिट्टी को भुरभुरा एवं हवादार बना देता है।

इन सभी खाद एवं उर्वरकों को अलग-अलग मात्रा में समय – समय में डालना जरूरी है। जिससे हमारे पौधे को उपयोगी पोषक तत्व और सहयोग मिलता है।  

सहजन के बीज लगाने का तरीका :-

सहजन की पत्तों की खेती के लिए 1 एकड़ में लगभग 6.5 किलो बीज की आवश्यकता होती है। पत्तों की खेती में बीज को डेढ़ फीट की दूरी पर लगाया जाता है, जिससे जब वो पौधे बड़ा होगा तब वो अपना डाली चारों ओर फैला सके। इस प्रकार से 1 एकड़ में लगभग 1,200-1,500 पौधे लगाए जा सकते हैं। बीज को लगाने से पहले उनको उपचारित किया जाना जरूरी है।

सहजन के बीज का उपचार :-

सहजन के बीज ऊपर से कठोर होता है इसलिए इसे लगाने से पहले बीज को उपचारित किया जाता है। इसको उपचारित करने से 2 फायदे होते हैं – पहला फायदा इसका जर्मीनेशन परसेंटेज बढ़ जाता है और दूसरा फायदा बीज को हानिकारक जंतुओं से मुक्त किया जाता है। 

सहजन के बीज का उपचार विधि :-

  • सहजन के बीजों को जैविक तरीके से उपचारित करने के लिए सबसे पहले एक 10 लीटर आकार वाला बर्तन ले लें।
  • उसमें 5 लीटर पानी डालें, उसी पानी में 2 लीटर देसी गाय का गोमूत्र और 100 ग्राम ट्राइकोडरमा पाउडर मिलाएं।
  • इन सभी सामग्री को अच्छी तरह से मिलाएं तत्पश्चात उसमें बीज को डालें और उस पानी में बीजों को लगभग 5 से 6 घंटे रहने दें।
  • बीजों को 6 घंटे बाद उस मिश्रण में से निकाल लें और उसे सूती के कपड़े में डालें।
  • कपड़े की गांठ बांधे और उस पोटली को रात भर या 12 घंटे तक एक जगह पर लटका दें।
  • बीच-बीच में इस पोटली पर पानी का छिड़काव करते रहें।
  • सुबह पोटली को खोल कर उसमें से सहजन के बीज को निका दें।
  • यह बीज अब बोने के लिए तैयार हो गए।

सहजन की खेती करने (Sahjan ki kheti) के लाभ :-

आजकल सहजन की खेती (Sahjan Farming/Drumstick Farming) पर लोगों का ध्यान बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। उसका पहला कारण है कि इसमें कई सारे लाभकारी गुण मौजूद हैं और दूसरा इसकी खेती आसानी से कहीं भी की जा सकती है। इस खेती को शुरू कर आप आसानी से लगभग 5-6 लाख सालाना यानी 50 हजार रुपए महीना तक कमा सकते हैं।

सहजन एक औषधीय पौधा भी है जिसके कारण इसका डिमांड दुनिया भर के अंतराष्ट्रीय बाजारों में भी काफ़ी बढ़ा है। विश्व भर के लोग आयुर्वेदिक उपचार तथा आयुर्वेदिक दवाओं का फायदा कोरोना काल से ज्यादा जानने लगे हैं। 

सहजन की खेती करने का लाभ निम्नलिखित हैं :-

  1. सहजन की खेती काफी आसान पड़ती है, इसकी खेती में पानी की बहुत जरूरत नहीं होती और रख – रखाव भी कम करना पड़ता है।
  2. आप इसे बड़े पैमाने नहीं करना चाहते तो अपनी सामान्‍य फसल के साथ भी इसकी खेती कर सकते हैं।
  3. यह गर्म इलाकों में आसानी से फल – फूल जाता है, लेकिन सर्द इलाकों में इसकी खेती बहुत Profitable नहीं हो पाती क्‍योंकि इसका फूल खि‍लने के लि‍ए 25 से 30 डिग्री तापमान की जरूरत होती है।
  4. यह सूखी बलुई या चिकनी बलुई मिट्टी में तेज़ी से बढ़ता है।  
  5. आमतौर पर एक पेड़ 5 साल तक अच्‍छा उत्‍पादन करता है। 
  6. सहजन के फूल-फल-पत्ती-बीज आदि सभी का कुछ न कुछ उपयोग होता ही है। जैसे – फूल, फल और पत्ते को सब्जी बनाकर खा सकते हैं तथा उसके बीज से तेल निकाला जाता है।
  7. दावा किया जाता है कि सहजन के इस्तेमाल से करीब 300 से अधिक रोगों से बचा जा सकता है।
  8. सहजन में 92 विटामिन, 46 एंटी ऑक्सीडेंट, 36 पेन किलर और 18 तरह के एमिनो एसिड आदि पाए जाते हैं।

सहजन की खेती से पैसे कैसे कमायें?

अगर आपके पास 1 एकड़ जमीन है तो आप उसमें करीब 1,200-1,500 पौधे लगा कर सहजन की खेती सकते हैं। 1 एकड़ भूमि में सहजन का पौधा लगाने का खर्च करीब 50 से 60 हजार रुपये आएगा। सहजन की सिर्फ पत्तियां बेचकर आप सालाना 50 – 60 हजार रुपये तक कमा सकते हैं। वहीं, सहजन के फूल, फल, पत्ती आदि चीजों को बेचते हैं तो आप सालना 5-6 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं।

एक रिर्पोट के आधार पर “अमेरिका में सहजन के पत्ती और फल लगभग 50-60 हज़ार रुपए किलो में बिकता है।” अगर आप भारत से इसका निर्यात विदेशों में कर सकते हैं तो समझ लीजिए आप कितना कमा सकते हैं।

सहजन से स्वास्थ्य में क्या-क्या फायदा होता है?

सहजन में बहुत सारे विटामिन, एमिनो एसिड, भरपूर मात्रा में प्रोटीन, बहुत सारे मात्रा में अलग-अलग एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। यह दर्द निवारक (पेन किलर) की तरह भी काम करता है तथा इसके अलावा बहुत सारा गुण भरा हुआ है। जिसके कारण आज देश – विदेश के लोग इसे बहुत ही तेजी से अपना रहे हैं। 

सहजन से स्वास्थ्य लाभ कुछ इस प्रकार है :-

  • सहजन के पत्तियां में मेंथॉल अर्क (Menthal Arc) पाया जाता है, जो डायबिटीज (Diabeties) को कंट्रोल करने में बहुत ही महत्वपूर्ण है। 
  • सहजन में Anti-Diabetic गुण भी पाया जाता है।
  • सहजन के बीजों से तेल निकाला जाता है, जो जड़ों के दर्द के लिए बहुत ही लाभकारी है।
  • सहजन में ग्लुटामिक एसिड (Gulatamic Acid) पाया जाता है, जो अमोनिया के दुष्प्रभाव को रोकने का काम करता है। साथ में उसमें बहुत सारे एक्टिव न्यूरोट्रांसमीटर (Active Neurotransmitter) तत्व भी होते हैं, जो हमारी मेमोरी और एकाग्रता को बढ़ाता है।
  • सहजन खाने से मानव की शुक्राणु में वृद्धि होती है। इसी तरह वह प्रजनन शक्ति बढ़ाने के लिए भी बहुत ही उपयोगी है।
  • सहजन खाने से हमारे शरीर के चमड़ी में भी खिलावट आ जाता है यानि ये हमारे रक्त को भी शुद्ध कर देता है। साथ ही इसके रेजुवेनेट (Rejuvenate) करने का भी गुण है।
  • अगर आपके शरीर में फोड़े – फुंसी होते हैं तो सहजन सेवन कर सकते हैं। इसे खाने से जल्दी ही वो ठीक हो जाएंगे।   
  • सहजन हमारे शरीर की ऊतकों (Tissue) के विकास में भी मदद करता है।
  • सहजन के फूल, फल और पत्तियों को खाने से हमारे शरीर के हानिकारक कृमि मर जाते हैं।  
  • सहजन में बहुत सारे प्रोटीन, विटामिन, मिनरल, एंटी ऑक्सीडेंट होने की वजह से ये हेल्थी प्रेगनेंसी में भी काफ़ी लाभदायक है।

सहजन का पोषण मूल्य (Nutrition Value) प्रति 100 ग्राम में :-

सहजन में बहुत सारी मात्रा में गुण पाया जाता है।

Nutrition ValueVitaminsMinerals
Energy 64 kcal
Carbohydrates 8.28 g
Dietary fiber 2.0 g
Fat 1.40 g
Protein 9.40 g
Vitamin A 378 μg
Thiamine (B1) 0.257 mg
Riboflavin (B2) 0.660 mg
Niacin (B3) 2.220 mg
Pantothenic acid (B5) 0.125 mg
Vitamin B6 1.2 mg
Folate (B9) 40 μg
Vitamin C 51.7 mg
Calcium 185 mg
Iron 4.00 mg
Magnesium 147 mg
Manganese 0.36 mg
Phosphorus 112 mg
Potassium 337 mg
Sodium 9 mg
Zinc 0.6 mg

* Source As Per The USDA

सहजन कहां-कहां मिलता है? 

सहजन भारत में ही नहीं बल्कि दूसरे देशों में भी पाया जाता है। यह भारत, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, मलेशिया, कंबोडिया, फिलिंपिंस, जमैका आदि देशों में पाया जाता है। इसे भारत के लगभग सारे इलाके में पाया जाता है। भारतीय लोग सहजन के फूल, फल और पत्तियों को अलग – अलग तरीकों से सब्जी बनाकर खाया जाता है। 

सहजन बारिश और धूप से भी नहीं होता नुकसान :-

सहजन की खेती को ज्यादा बारिश और ज्यादा धूप भी नुकसान नहीं पहुंचा पाता है, इसीलिए इसे ज्यादा लोग पसंद करते हैं। यह विभिन्न पारिस्थितिक अवस्थाओं में भी उगने वाला पौधा है यानि इसे आप एक तरह की ढीठ पौधा भी कह सकते हैं। सहजन की खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। चाहे वो बेकार बंजर भूमि हो या कम उर्वरा वाला भूमि हो या फिर पथरिली भूमि सभी तरह के भूमि में इसे खेती कर सकते हैं।   

सहजन को दवा के रूप में भी उपयोग किया जाता है:-

सहजन की फूल, फल, बीज, तना, जड़ और पत्तियों सभी को दवा के रूप में उपयोग किया जाता है। सहजन से आयुर्वेदिक तथा एलोपैथिक दवाई भी बनाई जाती है। इसके बीज से तेल भी निकला जाता है और साथ ही इसके पत्ती तथा बीज को सुखाकर उसको चूर्ण भी बनाया जाता है। 

इसके तेल लगाने से जड़ों का दर्द दूर होता है तथा इसके पत्तियों को उबालकर इसके पानी को पीने से डाईबेटिज तथा बल्ड प्रेशर जैसे बीमारी भी दूर होती है। सहजन के साग को आप भूंज के भी खा सकते हैं, इसमें भी काफी सारे फायदे होते हैं। 

सहजन के पौधे को कीड़ों से कैसे बचाएं:-

सहजन के पौधे और उसके पत्तियों में बहुत सारे कीड़े लग जाते हैं अगर आप इसे सही तरीके से नहीं दवा लगाते हैं तो आपको काफी नुकसान होगा। भुआ पिल्लू, पातछेरकी तथा टिड्डा जैसे कीड़े मूनगा/सहजन पर बहुत जल्दी लग जाते हैं। ये अगर एक बार आपके खेती के अटैक करते हैं तो वो सारे पत्ते को खा जाते हैं।  

अगर इसे सही समय में नियंत्रित नहीं किया जाय तो यह सम्पूर्ण पौधे की पत्तियों को खा जाते हैं तथा आस-पास के पौधे में भी फ़ैल जाते हैं। ये कीड़े इतना खतरनाक होते हैं कि ये अपना अंडा उसी पेड़ – पौधे में देते हैं और वो कीड़ा जब अंडा से निकलने लगते हैं तो अपने भोजन के लिए पूरे पेड़ में फैल जाते हैं, जिससे सही में रोकना बहुत जरूरी होता है।

कीड़ों को नियंत्रण करने के लिए सरल और देशज उपाय है। अगर कीट – पतंग को नवजात अवस्था में ही मारना हो तो आपको सर्फ को घोलकर बनाकर पौधों के ऊपर आप छिड़क देते हैं तो वो सारे कीड़े मर जाते हैं। अगर आपके पेड़ – पौधे में जो कीड़े लग गए वो वयस्क अवस्था में होते हैं और जब वो लगभग सम्पूर्ण पौधों पर फ़ैल जाते हैं तो उसके लिए एकमात्र दवा है – “डाइक्लोरोवास (नूभान)” 0.5 मिली. एक लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करने से तत्काल ये सारे कीड़े – पतंग मर जाते हैं, जिससे आप ज्यादा नुकसान होने से बच जाते हैं। 

Conclusion:-

आज के इस आर्टिकल में हमने जाना कि – सहजन की खेती (Sahjan ki kheti) से पैसे कैसे कमायें?, सहजन क्या है?, सहजन की खेती कैसे करें?, सहजन से क्या – क्या लाभ है, सहजन की खेती से कितना पैसा कमा सकते हैं?, तथा सहजन की खेती को कीड़ों से कैसे बचाएं? आदि बहुत सारी जानकारियां आपके साथ साझा किए जो आपको जानने लायक हो। जानकारी कैसी लगी आप हमे Comments में बता सकते हैं।

अगर आप हमें कुछ सुझाव या प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो आप Comments में या Instagram में बता सकते हैं , हमें आपके सुझावों और प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा।

FAQs :-

सहजन की खेती से कितने पैसे कमाए जा सकते हैं?

सहजन की खेती से आप 5-6 लाख कमा सकते हैं यानि आप एक महीना में 50-60 तक कमा सकते हैं।

सहजन की खेती कहां किया जा सकता है?

सहजन एक ऐसा पेड़ है इसे कहीं भी लगाया जा सकता है लेकिन इसे अच्छी तरीके से खेती करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको बालुई, चिकनी मिट्टी, अम्लीय मिट्टी, काली मिट्टी, रुगड़ी/पथरीली मिट्टी की ज़रूरत होगी। 

सहजन में कीड़े लगने से कैसे बचाएं?

सहजन को कीड़े लगने से बचाने के लिए आपको समय – समय में गौमूत्र का छिड़काव करना होगा। अगर आपके पेड़ – पौधे में ज्यादा कीड़े लग हैं तो उसके लिए आपको “डाइक्लोरोवास (नूभान)” 0.5 मिली. एक लीटर पानी में घोलकर उस पर छिड़काव करना होगा इससे वो कीड़े तुरंत मर जाते हैं।

क्या सहजन को दवा के रूप में उपयोग किया जाता है?

जी हां, इसे आयुर्वेदिक तथा एलोपैथिक दवाई भी बनाई जाती है। इसके तेल को लगाने से जड़ों का दर्द दूर होता है और इसे इसके पत्तियां को उबालकर पीने से डाईबेटिज तथा बल्ड प्रेशर जैसे बीमारी भी दूर होती है।

सहजन की पत्तियों को कितने दामों तक बेच सकते हैं?

अगर आप इसे लोकल के बाजारों में बेचते हैं तो ₹40-50 /- किलो में बेच पाएंगे। यही अगर आप इसे विदेशों में सप्लाई करने सकते हैं, जैसे आप अगर इसे अमेरिका में बेचते हैं तो आपको एक किलो का 50-60 हजार रुपए मिलेगा।

सहजन की खेती शुरु करने के लिए कितना रूपया लगना होगा?

शुरूआती समय में आपको लगभग 40-50 हज़ार रुपए तक लगेगा। इतना पैसा से आप 1 एकड़ से में सहजन की खेती कर सकते हैं।

सहजन का पौधा कितने दिनों में उगना शुरू हो जाता है?

सहजन का पौधा बीज बोने के 10-12 दिन के बाद निकालना शुरु हो जाता है।

सहजन को कब-कब सिंचाई करना चाहिए?

सहजन को कभी भी ज्यादा सिंचाई नहीं करनी चाहिए कारण इसके पौधा बहुत जल्दी सड़ जाते हैं। अगर इसके पौधे 10 फुट हो जायेंगे तो आपको सप्ताह में 1-2 बार पानी डालने सभी चलेगा।

क्या सहजन की खेती से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ता है?

जी हां, इसकी खेती से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।

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